मानसिक समस्याएँ और मनोवैज्ञानिक उपचार: अधिकांश मानसिक समस्याएँ मनोवैज्ञानिक प्रकृति की होती हैं, जिन्हें बिना दवाई के या दवाइयों के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक थेरेपी से ठीक किया जा सकता है।
मनोवैज्ञानिक कारणों और दवाइयों की प्रभावशीलता: जब मानसिक समस्या मनोवैज्ञानिक कारणों से होती है, तो दवाइयाँ उतनी प्रभावशील नहीं होतीं। कुछ मामलों में दवाइयाँ लेने से समस्या बढ़ सकती है, क्योंकि जरूरत मनोवैज्ञानिक उपचार की होती है।
भारत में मानसिक समस्याएँ और दवाइयाँ: भारत में ज्यादातर लोग जो मानसिक समस्याओं के लिए दवाइयाँ ले रहे हैं, उन्हें दवाइयों की जरूरत नहीं होती है। अधिकांश मानसिक समस्याएँ PTSD (Post-Traumatic Stress Disorder) की तरह होती हैं, जिन्हें ठीक करने के लिए दिमाग में बने नकारात्मक न्यूरॉन्स का री-प्रोग्रामिंग जरूरी होता है।
निष्कर्ष: सही उपचार का अभाव अनेक लोगों को जीवन भर अनावश्यक रूप से दवाइयाँ खाने की ओर ले जाता है।