मनोवैज्ञानिक मानसिक समस्याओं के आपस में कनैक्शन होते हैं।
किसी एक समस्या से अन्य कोई भी समस्या पैदा होने लगती है।
उदाहरण: ✔️ ओवेर्थिंकिंग से: डिप्रेशन, Anxiety, नींद की समस्या, सर में भारीपन आदि ✔️ नेगेटिव थिंकिंग से: डिप्रेशन, Anxiety, नींद की समस्या, सर में भारीपन, OCD, Panic Attack, IBS, Phobia. आदि। ✔️ पैनिक अटैक से: डिप्रेशन, Anxiety, IBS, Phobia आदि। ✔️ डिप्रेशन से: Anxiety, OCD, Panic Attack
👉 अगर कम शब्दों में कहा जाये तो किसी एक मनोवैज्ञानिक मानसिक समस्या के शुरू होने के बाद वह अन्य मानसिक समस्याओं को भी पैदा करने लगती है। 👉 जिससे समय बीतने के साथ-साथ समस्याएँ ठीक होने के बजाए बढ़ती जाती हैं। 👉 ज़्यादातर लोग इन मानसिक समस्याओं को सिर्फ दवाई से ठीक करने की कौशिश करते हैं। 👉 पर वो नहीं जानते कि जब तक मानसिक समस्याओं के “मनोवैज्ञानिक कनैक्शन” का सही से उपचार नहीं करेंगे। तब तक इन्हे ठीक करना बहुत मुश्किल है।
👉 इसलिए याद रहे: इलाज के लिए कनेक्शन और बीमारी के मुख्य जड़ों पर भी काम करना होता है।