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हर सेशन में आपको मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाने के लिए जरूरी जानकारी और मनोवैज्ञानिक तकनीकें सिखाई जाएंगी।
यह एक प्रैक्टिकल कोर्स है। इसलिए सिखाई गई तकनीकों का ईमानदारी से अभ्यास करें।
* डर और नेगेटिव थिंकिंग।
* बाहर जाने में डर लगना।
* हार्ट अटैक या किसी बीमारी का डर।
* एक ही बात बार बात माइंड में आना।
* पुरानी बाते न भूल पाना।
* क्रोध और पछतावा।
* पैनिक अटैक
* IBS (पेट की समस्या)
* नींद की समस्या।
* घबराहट।
* अंधेरे में या अकेले रहने का मन करना।
* उदास या दुखी रहना।
* सिर, आंखों में दर्द या भारीपन।
* रोने का मन करना।
* चिड़चिड़ापन
* खुद के बारे में बुरा भला सोचते रहना।
* पुरानी बातों को याद करके दुखी होना।
* दिमाग में लगातार बुरी बातों का चलना।
* काम करने का मन ना करना।
* अचानक घबराहट या चक्कर आना।
* सिर, पेट या छाती में दर्द होना।
* चक्कर और शरीर में कंपन।
* सांस का रुक जाना।
* ऐसा लगना जैसे जान निकलने वाली हो।
* आंखो के सामने अंधेरा आ जाना।
* गुम या बेहोशी हो जाना।
* जबड़ों का भींच जाना।
* हाथ पैर मुड़ना, गर्दन का पीछे की तरफ जाना।
* कई बार कुछ घंटों या दिनों के लिए आवाज या याददाश्त चली जाना।
* दीवार पर सिर मारना, या घर से निकलकर बाहर भागने का मन करना।
* आत्महत्या के विचार या आत्महत्या का प्रयास करना।
* आत्मविश्वास में अत्यधिक कमी।
* चिल्ला चिल्ला कर रोने का मन करना।
* लंबे समय तक दवाईयां लेते लेते थक जाना।
* झाड़-फूंक करवाने से भी ठीक नहीं होना।
* किसी भी दिमागी टेस्ट में कोई बीमारी नहीं आती है सभी रिपोर्ट ठीक आती हैं।
इनमे से कोई लक्षण है तो यह कोर्स आपके लिए है।
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